प्रस्तावना
युद्धविराम शांति समझौता : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ईरान और इजरायल के बीच एक ऐतिहासिक युद्धविराम शांति समझौता की घोषणा की । यह समझौता 12 दिन तक चले भयानक संघर्ष का अंत दर्शाता है । इस युद्धविराम समझौता से मध्य पूर्व में नई उम्मीदें जगी हैं ।

संघर्ष की पृष्ठभूमि और प्रभाव
मिसाइल हमलों का सिलसिला
ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष में दोनों देशों ने भीषण मिसाइल हमले किए । ईरान ने दो चरणों में कुल 27 मिसाइलें दागीं थीं । इन हमलों से तेल अवीब और हाइफा में व्यापक तबाही हुई। इसके अतिरिक्त, इजरायली हमलों में नौ ईरानी नागरिक मारे गए।
बीयर शेवा शहर में ईरानी मिसाइल के हमले से कम से कम सात लोग मारे गए। यह हमला एक आवासीय परिसर पर हुआ था। इससे पहले, अमेरिका ने ईरान के तीन मुख्य परमाणु केंद्रों पर बमबारी की थी।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं : युद्धविराम शांति समझौता
इस युद्धविराम समझौता का वैश्विक बाजारों पर तत्काल प्रभाव दिखा। तेल की कीमतों में 5% की गिरावट आई। यूरोपीय शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। एशियाई बाजारों में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
रूस ने इस युद्धविराम-शांति समझौता का स्वागत किया है। चीन ने भी मध्य पूर्व में स्थिरता के लिए सहयोग का संकेत दिया। इराक ने अपना हवाई क्षेत्र दोबारा खोल दिया।
ट्रंप की मध्यस्थता की भूमिका : युद्धविराम शांति समझौता
कूटनीतिक प्रयास
ट्रंप ने इस युद्धविराम समझौता के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू से सीधी बातचीत की। उप राष्ट्रपति जेडी वांस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी ईरानी अधिकारियों से संपर्क किया। इन कूटनीतिक प्रयासों से यह ऐतिहासिक समझौता संभव हुआ।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा कि दोनों देश एक साथ उनके पास शांति के लिए आए। उन्होंने इसे “12 दिन का युद्ध” कहा और दोनों देशों की प्रशंसा की। बाद में, ट्रंप ने चेतावनी दी कि युद्धविराम समझौता का उल्लंघन न करें।
कतर की मध्यस्थता में युद्धविराम शांति समझौता
कतर के प्रधानमंत्री ने ईरान को युद्धविराम समझौता स्वीकार करने के लिए राजी किया। कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमेरिकी आधार पर ईरानी हमले के बाद कतर ने मध्यस्थता का काम किया।

विदेश मंत्रालय (कतर के) ने ईरान के राजदूत को तलब किया था । फिर भी, कतर ने क्षेत्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मध्यस्थता जारी रखी। इस प्रकार युद्धविराम समझौता सफल हुआ।
समझौते की शर्तें और क्रियान्वयन
चरणबद्ध युद्धविराम : युद्धविराम शांति समझौता
ट्रंप ने बताया कि यह युद्धविराम समझौता चरणों में लागू होगा। पहले ईरान ने अपनी सैन्य कार्रवाई रोकी। फिर 12 घंटे बाद इजरायल ने भी हथियार डालने की घोषणा की।
ईरानी राष्ट्रपति मसौद पेजेशकियान ने कहा कि वे युद्धविराम समझौता का सम्मान करेंगे। बशर्ते कि इजरायल भी इसकी शर्तों का पालन करे। नेतन्याहू ने भी द्विपक्षीय युद्धविराम की पुष्टि की।
उल्लंघन की चुनौतियां : युद्धविराम शांति समझौता
युद्धविराम समझौता के तुरंत बाद कुछ समस्याएं आईं । इजरायल ने आरोप लगाया कि ईरान ने और मिसाइलें दागीं । ट्रंप ने दोनों देशों को चेतावनी दी कि वे समझौते का उल्लंघन न करें।
इजरायल ने तेहरान के पास एक रडार स्थापना पर हमला किया। लेकिन ट्रंप से बात के बाद आगे के हमलों से बचा। ईरान ने भी आरोपों से इनकार किया ।
मध्य पूर्व में शांति की संभावनाएं : युद्धविराम शांति समझौता
ऐतिहासिक महत्व
यह युद्धविराम समझौता मध्य पूर्व के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों का समाधान दिखता है। कैंप डेविड समझौते की तरह यह भी शांति की दिशा में कदम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता क्षेत्रीय स्थिरता लाएगा। मध्य पूर्व के नेतृत्व संकट का समाधान हो सकता है। यह अन्य संघर्षों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।
गाजा युद्ध पर प्रभाव
इजरायल के विपक्षी नेता ने गाजा युद्ध समाप्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब गाजा में भी शांति लानी चाहिए।
यह युद्धविराम समझौता गाजा संघर्ष के लिए प्रेरणा बन सकता है।
हमास और इजरायल के बीच भी समान समझौते की संभावना बढ़ी है।
हालांकि कतर ने पहले मध्यस्थता से इनकार किया था।
अब नई परिस्थितियों में बातचीत की गुंजाइश है।
आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव
ऊर्जा बाजारों पर असर
युद्धविराम समझौता से तेल की कीमतों में गिरावट आई। होर्मुज जलडमरूमध्य की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
यह वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए राहत की बात है।
ब्रेंट कच्चे तेल में 5% की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें भी घटीं।
निवेशकों में राहत की भावना देखी गई।
भारत पर प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार में 750 अंक की तेजी देखी गई।
यह युद्धविराम शांति समझौता भारत के लिए फायदेमंद है।
मध्य पूर्व से आने वाले तेल की आपूर्ति सुरक्षित हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस समझौते का स्वागत किया।
भारत की मध्य पूर्व नीति के लिए यह सकारात्मक विकास है।
प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा भी बेहतर हुई।

भविष्य की चुनौतियां
परमाणु कार्यक्रम का मुद्दा
ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को बहाल करने की बात कही।
अमेरिकी हमलों से हुए नुकसान की भरपाई की योजना है। यह युद्धविराम शांति समझौता के लिए चुनौती हो सकती है।
400 किलोग्राम समृद्ध यूरेनियम अभी भी ईरान के पास है। यह चिंता का विषय बना हुआ है।
भविष्य में इस मुद्दे पर और बातचीत की जरूरत होगी।
दीर्घकालिक स्थिरता
इस युद्धविराम शांति समझौता की दीर्घकालिक सफलता संदेह में है।
दोनों देशों में कट्टरपंथी तत्व विरोध कर सकते हैं।
क्षेत्रीय शक्ति संतुलन भी प्रभावित हो सकता है ।
सैन्य समाधान से शांति नहीं आती। केवल राजनीतिक बातचीत से स्थायी समाधान मिलता है।
इसलिए निरंतर कूटनीतिक प्रयास जरूरी हैं।
निष्कर्ष
ट्रंप द्वारा घोषित यह युद्धविराम शांति समझौता मध्य पूर्व के लिए आशा की किरण है।
कतर की सफल मध्यस्थता ने इसे संभव बनाया।
हालांकि चुनौतियां बनी हुई हैं, यह समझौता शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक समुदाय ने इस युद्धविराम शांति समझौता का स्वागत किया है।
अब सभी पक्षों को इसकी शर्तों का पालन करना होगा।
तभी मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित हो सकती है।