भारत-पाक युद्ध टालने का ट्रंप का दावा, भारत ने किया खंडन

"परमाणु युद्ध टालने का अमेरिकी दावा, भारत का स्पष्ट खंडन – कूटनीति की असली कहानी!"

Smriti Bordoloi
5 Min Read
भारत-पाक युद्ध
Highlights
  • ट्रंप का दावा: "मैंने व्यापार सौदों की धमकी देकर भारत-पाक युद्ध रोका"
  • भारत का जवाब: "युद्धविराम सीधी सैन्य वार्ता से हुआ, अमेरिकी मध्यस्थता नहीं"
  • तनाव का कारण: ट्रंप ने पाकिस्तानी जनरल को लंच पर बुलाया, भारत ने कहा "असंवेदनशील"
  • व्यापारिक दांव: अमेरिका-भारत व्यापार ($131B) पर संकट के बादल
  • भविष्य की चुनौतियाँ: क्वाड शिखर सम्मेलन और टैरिफ विवाद से तनाव बढ़ने की आशंका

ट्रंप का बड़ा दावा

भारत-पाक युद्ध : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, भारत-पाक युद्ध उन्होंने रोका। परमाणु संघर्ष की आशंका थी। ट्रंप ने कहा, “मैंने व्यापार सौदे रोकने की धमकी दी।” दोनों देश पीछे हट गए।

नीदरलैंड्स में नाटो शिखर सम्मेलन में दोहराया। ट्रंप ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा। मई 2025 में तनाव बहुत बढ़ गया था। उन्होंने फोन पर चर्चा की। “लड़ोगे तो व्यापार नहीं,” ट्रंप ने कहा। उन्होंने दावा किया, “हमने परमाणु युद्ध रोक दिया”।

पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनिर का जिक्र किया। मुनिर पिछले सप्ताह उनसे मिले। प्रधानमंत्री मोदी को “महान दोस्त” बताया। उन्होंने मोदी को “बहुत अच्छा सज्जन” भी कहा।

ट्रंप के मुताबिक, दोनों देशों ने युद्ध के बजाय व्यापार चुना। उन्होंने समझाया, “मैंने उन्हें तर्क से समझाया। लड़ाई होगी तो व्यापार नहीं। उन्होंने व्यापार चाहा।” यह ट्रंप का हालिया बयान है। इसमें उन्होंने मध्यस्थता का दावा किया।

भारत का स्पष्ट खंडन : भारत-पाक युद्ध

भारतीय अधिकारियों ने इस दावे को खारिज किया। भारत सरकार पहले ही आपत्ति जता चुकी है। भारत का कहना है, यूएस मध्यस्थता निर्णायक नहीं थी। मई 2025 में युद्धविराम दोनों देशों के बीच बातचीत से हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को फोन पर स्पष्ट किया। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बयान जारी किया। “कोई अमेरिकी मध्यस्थता नहीं हुई,” मोदी ने कहा। भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। भविष्य में भी नहीं करेगा।

तथ्य तालिका: भारत-पाक युद्धविराम का कालक्रम

तारीखघटनापक्षों की प्रतिक्रिया
10 मई 2025युद्धविराम लागूभारत: सीधी सैन्य वार्ता से हुआ
18 जून 2025ट्रंप-मोदी फोन वार्ताभारत: अमेरिकी दावे का खंडन
25 जून 2025नाटो शिखर सम्मेलनट्रंप: “मैंने व्यापार से युद्ध रोका”

कूटनीतिक तनाव के प्रभाव : भारत-पाक युद्ध

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर हुआ। ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को लंच पर बुलाया। यह पहली बार हुआ, जब राष्ट्रपति ने अकेले मुलाकात की। भारत ने इसे “असंवेदनशील” कहा।

भारत-पाक युद्ध

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया। शत्रुता समाप्ति 10 मई को डीजीएमओ के संपर्क से हुई। उन्होंने कहा, नई दिल्ली-वाशिंगटन में नियमित संपर्क था। पर ट्रंप के बयान की पुष्टि नहीं की। यह टकराव पिछले पांच दशकों में सबसे गंभीर था।

पक्षों के बयानों में अंतर

पक्षदावासाक्ष्य
अमेरिका“हमने मध्यस्थता कर युद्ध रोका”ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट
भारत“सीधी सैन्य वार्ता से हुआ युद्धविराम”डीजीएमओ वार्ता का विवरण
पाकिस्तान“अमेरिका के प्रयासों का आभार”नोबेल शांति पुरस्कार का प्रस्ताव

व्यापारिक संदर्भ और भू-राजनीति

दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों ने सेना जुटाई थी। विवादित सीमा पर तनाव बहुत अधिक था। अमेरिका का भारत के साथ बड़ा आर्थिक रिश्ता है। द्विपक्षीय व्यापार अरबों डॉलर का है। भारत, एशिया में अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है।

पाकिस्तान भी वाशिंगटन के करीब आना चाहता है। वित्त वर्ष 2024-25 में व्यापार 131.84 अरब डॉलर रहा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने ईरानी हमलों का भी बचाव किया। उन्होंने इन हमलों को “बहुत सफल” बताया। यह खुफिया रिपोर्ट के विपरीत है। उस रिपोर्ट में कम नुकसान बताया गया था।

भविष्य के प्रभाव : भारत-पाक युद्ध

  • क्वाड शिखर सम्मेलन: सितंबर 2025 में भारत में होगा आयोजन। ट्रंप के भाग लेने की उम्मीद।
  • व्यापार वार्ता: 9 जुलाई की समयसीमा नजदीक। टैरिफ विवाद बना हुआ है।
  • पाकिस्तान की भूमिका: ईरान संकट में अमेरिका को सहयोग की उम्मीद।

भारतीय विशेषज्ञ चिंतित हैं। अमिताभ मट्टू ने कहा, “अमेरिकी दृष्टिकोण ने अविश्वास पैदा किया।” संबंधों में अनिश्चितता बढ़ी है। पर दीर्घकालिक साझेदारी बनी रह सकती है।

भारत-पाक युद्ध

निष्कर्ष : भारत-पाक युद्ध

ट्रंप के बयान और भारत का खंडन जारी है। दोनों देशों के बीच तनाव स्पष्ट है। परमाणु युद्ध टलने के बाद भी, कूटनीतिक चुनौतियां बनी हुई हैं। भारत अपनी स्थिति पर अडिग है। अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं।

“भारत का संदेश स्पष्ट है: पाकिस्तानी जनरलों को दंड दें, उनका सम्मान नहीं।” — अजय बिसारिया, पूर्व भारतीय उच्चायुक्त

इस घटना ने दिखाया, कूटनीति में तथ्यों का महत्व कितना है। भारत-अमेरिका संबंधों की परीक्षा जारी रहेगी।

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