भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप एक बार फिर चिंता का विषय बन गया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय मामले 3,395 तक पहुंच गए हैं। केरल राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां 1,336 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 685 नए मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में फैलने वाले वेरिएंट की गंभीरता कम है। हालांकि, सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
केरल में भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप सबसे तेज़
केरल राज्य में भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप सबसे चिंताजनक स्थिति दिखा रहा है। राज्य में कुल 1,336 सक्रिय मामले हैं जो देश के कुल मामलों का लगभग आधा हिस्सा है\। इसके अलावा, केरल में अब तक पांच मौतें हुई हैं जो काफी चिंताजनक है। राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ओमिक्रॉन के उप-वेरिएंट LF.7 और NB.1.8 के कारण मामले बढ़ सकते हैं।
वास्तव में, केरल की स्थिति इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यहां संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही है। मई 26 को जहां देश भर में केवल 1,010 मामले थे, वहीं अब यह संख्या 3,395 तक पहुंच गई है। केरल में पिछले 24 घंटों में 72 मरीज़ ठीक होकर घर गए हैं। फिर भी, नए मामलों की संख्या रिकवरी से ज्यादा है जो चिंता का विषय है।
इसके अतिरिक्त, केरल सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें। खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कोमोर्बिडिटी वाले लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। सरकार ने यह भी कहा है कि सर्दी, खांसी, गले में खराश या सांस लेने में तकलीफ के लक्षण वाले लोग मास्क जरूर पहनें।
अन्य राज्यों में स्थिति : भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप
महाराष्ट्र में 467 सक्रिय मामले हैं जो देश में दूसरा सबसे ज्यादा है। राज्य में अब तक सात मौतें हुई हैं जो सबसे ज्यादा है। दिल्ली में 375 सक्रिय मामले हैं और दो मौतें हुई हैं। गुजरात में 265, कर्नाटक में 234, पश्चिम बंगाल में 205 मामले हैं। तमिलनाडु में 185 और उत्तर प्रदेश में 117 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
नए वेरिएंट और भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप मुख्य रूप से नए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट के कारण हो रहा है। ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग में चार वेरिएंट मिले हैं। ये वेरिएंट हैं LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इनमें से पहले तीन वेरिएंट ज्यादा मामलों में पाए गए हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी वेरिएंट गंभीर नहीं हैं और ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट हैं। WHO ने अभी तक LF.7 या NB.1.8 को वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) या वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) घोषित नहीं किया है। फिलहाल इन्हें वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग की श्रेणी में रखा गया है।
लक्षण और गंभीरता : भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप
वर्तमान वेरिएंट के सामान्य लक्षणों में बुखार, गले में खराश, नाक बहना, थकान और शरीर में दर्द शामिल है। यद्यपि ये वेरिएंट कुछ हद तक इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम हैं। तथापि, इनसे गंभीर बीमारी या लंबी अवधि की जटिलताओं के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
डॉ. राजीव बहल ने स्पष्ट किया है कि संक्रमण की गंभीरता आम तौर पर हल्की है। अधिकांश मरीज़ घर पर ही देखभाल कर रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। पिछले 24 घंटों में 265 मरीज़ों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।
सरकारी तैयारियां और भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप देखते हुए केंद्र सरकार पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने आश्वासन दिया है कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय पूरी तरह सतर्क हैं।
इसी तरह, पिछली कोविड लहरों के दौरान बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की गई है। ऑक्सीजन प्लांट्स और ICU बेड्स की स्थिति देखी गई है और तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। स्वास्थ्य सिस्टम पूरी तरह तैयार है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।
राज्यों की तैयारियां
कर्नाटक सरकार ने शनिवार को जनता से शांत रहने और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की है। राज्य सक्रिय रूप से स्थिति को ट्रैक कर रहा है और रोकथाम, जल्दी पहचान और मरीज़ों की देखभाल पर ध्यान दे रहा है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
दिल्ली सरकार ने 23 मई को अस्पतालों को सलाह दी थी कि वे पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां और वैक्सीन की व्यवस्था रखें। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में 19 कोविड मरीज़ अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है।
ओडिशा में स्वास्थ्य सचिव आश्वत्थी एस ने शनिवार को जनता से घबराने नहीं कहा है।
उन्होंने पुष्टि की है कि राज्य के सभी कोविड मरीज़ स्थिर हैं।
अरुणाचल प्रदेश के राज्य निगरानी अधिकारी लोबसांग जम्पा ने निवासियों से शांत रहने को कहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी तेज़ की गई है।
ICMR का राष्ट्रव्यापी रेस्पिरेटरी वायरस सेंटिनल सर्विलांस नेटवर्क उभरते संक्रमण और रोगजनकों पर नज़र रख रहा है।
यह नेटवर्क नए वेरिएंट की पहचान और ट्रैकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इसके साथ ही, सभी SARI केसेस और 5% ILI केसेस को RT-PCR टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है।
उच्च जोखिम वाले समूहों – बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए टेस्टिंग अनिवार्य है यदि लक्षण हैं।
कोविड-पॉजिटिव SARI सैंपल्स को होल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है।
निगरानी के तरीके
सीवेज सर्विलांस भी जारी रखी गई है जो संक्रमण की शुरुआती पहचान में मदद करती है।
टेस्ट डेटा को IHIP पोर्टल पर समय पर अपलोड करना और पॉजिटिविटी रेट की निगरानी करना जरूरी है।
CT वैल्यूज की भी निगरानी की जा रही है जो संक्रमण की गंभीरता का संकेत देती है।
इसके अलावा, इन्फ्लुएंजा-लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) केसेस की नियमित स्क्रीनिंग और रिपोर्टिंग की जा रही है।
P-Form के जरिए IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म पर डेटा अपलोड किया जा रहा है।
जन जागरूकता और सावधानियां
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप से निपटने के लिए जन जागरूकता जरूरी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग बेसिक प्रिकॉशन्स का पालन करें।
मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोना अभी भी महत्वपूर्ण है।
विशेषकर भीड़-भाड़ वाली जगहों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनना जरूरी है।
यदि किसी में कोविड जैसे लक्षण हैं तो तुरंत टेस्ट कराना चाहिए।
पॉजिटिव आने पर आइसोलेशन में रहना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
बुजुर्गों और कोमोर्बिडिटी वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
हेल्पलाइन सेवाएं
स्वास्थ्य सलाह के लिए टॉल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 425 8330 उपलब्ध है।
आपातकालीन मरीज़ों के लिए 108 नंबर पर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
ये सेवाएं 24×7 उपलब्ध हैं और किसी भी आपातकाल में इनका उपयोग किया जा सकता है।
इसके साथ ही, लोगों को अनावश्यक घबराहट से बचना चाहिए। वर्तमान वेरिएंट की गंभीरता कम है और अधिकांश मामले हल्के हैं।
सही जानकारी लेना और अफवाहों से बचना जरूरी है।
आर्थिक प्रभाव और भविष्य की तैयारियां
हालांकि भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप अभी गंभीर नहीं है, लेकिन इसका
आर्थिक प्रभाव भी देखना होगा। पिछली लहरों के अनुभव से सीखते हुए सरकार पहले से ही तैयारियां कर रही है।
स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को भी बनाए रखना जरूरी है।
वैक्सीनेशन प्रोग्राम जारी रखना और बूस्टर डोज़ की उपलब्धता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
विशेषकर हाई-रिस्क ग्रुप्स के लिए वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देनी होगी। इससे गंभीर मामलों और मौतों को कम किया जा सकता है।
भविष्य में इसी तरह की स्थितियों से निपटने के लिए एक मजबूत हेल्थ सिस्टम की जरूरत है।
जल्दी पहचान, तुरंत इलाज और प्रभावी निगरानी सिस्टम विकसित करना होगा।
निष्कर्ष
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप निश्चित रूप से चिंता का विषय है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
केरल में सबसे ज्यादा मामले होने के बावजूद, अधिकांश केसेस हल्के हैं।
नए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट की गंभीरता कम है और मौत की दर भी काफी कम है।
सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
पिछली लहरों के अनुभव से सीखते हुए बेहतर तैयारियां की गई हैं।
जरूरत है सभी नागरिकों के सहयोग की जो बेसिक प्रिकॉशन्स का पालन करें।
अंततः, यह महत्वपूर्ण है कि हम सतर्क रहें लेकिन डरें नहीं।
भारत में कोविड-19 का बढ़ता प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
सही जानकारी, उचित सावधानियां और स्वास्थ्य अधिकारियों का सहयोग इस चुनौती से निपटने में मदद करेगा।
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